कैवल्य
From जैनकोष
ज्ञानावरण, दर्शनावरण, मोहनीय और अंतराय रूप चतुर्विध घातिया कर्मों के विनाश से उत्पन्न, समस्त पदार्थों को एक साथ जानने वाला, अविनाशी ज्योति-स्वरूप ज्ञान-केवलज्ञान । महापुराण 5. 149, 20.264, 21. 175, 186
ज्ञानावरण, दर्शनावरण, मोहनीय और अंतराय रूप चतुर्विध घातिया कर्मों के विनाश से उत्पन्न, समस्त पदार्थों को एक साथ जानने वाला, अविनाशी ज्योति-स्वरूप ज्ञान-केवलज्ञान । महापुराण 5. 149, 20.264, 21. 175, 186