GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 108 - अर्थ
From जैनकोष
चेतनात्मक और उपयोग लक्षण-वाले जीव दो प्रकार के हैं संसारस्थ और सिद्ध । देह में प्रवीचार सहित संसारस्थ हैं तथा देह में प्रवीचार रहित सिद्ध हैं ।
चेतनात्मक और उपयोग लक्षण-वाले जीव दो प्रकार के हैं संसारस्थ और सिद्ध । देह में प्रवीचार सहित संसारस्थ हैं तथा देह में प्रवीचार रहित सिद्ध हैं ।