तेरो करि लै काज वक्त फिरना
From जैनकोष
(राग सारंग लूहरी)
तेरो करि लै काज बक्त फिरना ।।तेरी. ।।टेक ।।
नरभव तेरे वश चालत है, फिर परभव परवश परना ।।१ ।।तेरो. ।।
आन अचानक कंठ दबैंगे, तब तोकौं नाही शरना ।
यातैं विलम न ल्याय बावरै, अब ही कर जो है करना ।।२ ।।तेरो. ।।
सब जीवनकी दया धार उर, दान सुपात्रनि कर धरना ।
जिनवर पूजि शास्त्र सुनि नित प्रति, बुधजन संवर आचरना ।।३ ।।तेरो. ।।