पद्मसद्म पद्मापद पद्मा: Difference between revisions
From जैनकोष
(New page: पद्मसद्म पद्मापद पद्मा, मुक्तिसद्म दरशावन है ।<br> कलि-मल-गंजन मन अलि रंजन...) |
(No difference)
|
Revision as of 06:27, 10 February 2008
पद्मसद्म पद्मापद पद्मा, मुक्तिसद्म दरशावन है ।
कलि-मल-गंजन मन अलि रंजन, मुनिजन शरन सुपावन है ।।
जाकी जन्मपुरी कुशंबिका, सुर नर-नाग रमावन है ।
जास जन्मदिनपूरब षटनव, मास रतन बरसावन है ।।१ ।।
जा तपथान पपोसागिरि सो, आत्म-ज्ञान थिर थावन है ।
केवलजोत उदोत भई सो, मिथ्यातिमिर-नशावन है ।।२ ।।
जाको शासन पंचाननसो, कुमति मतंग नशावन है ।
राग बिना सेवक जन तारक, पै तसु रुषतुष भाव न है ।।३ ।।
जाकी महिमा के वरननसों, सुरगुरु बुद्धि थकावन है ।
`दौल' अल्पमति को कहबो जिमि, शशक गिरिंद धकावन है ।।४ ।।