प्राणी लाल! धरम अगाऊ धारौ: Difference between revisions
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प्राणी लाल! धरम अगाऊ धारौ
जबलौं धन जोवन हैं तेरे, दान शील न बिसारौ ।।प्राणी. ।।
जबलौं कर पद दिढ़ हैं तेरे, पूजा तीरथ सारौ ।
जीभ नैन जबलौं हैं नीके, प्रभु गुन गाय निहारौ ।।प्राणी. ।।१ ।।
आसन श्रवन सबल हैं तोलौं, ध्यान शब्द सुनि धारौ ।
जरा न आवै गद न सतावै, संजम पर उपकारौ ।।प्राणी. ।।२ ।।
देह शिथिल मति विकल न तौलौं, तप गहि तत्त्व विचारौ ।
अन्तसमाधि-पोत चढ़ि अपनो, `द्यानत' आतम तारौ ।।प्राणी. ।।६ ।।