सोग न कीजे बावरे! मरें पीतम लोग: Difference between revisions
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सोग न कीजे बावरे! मरें पीतम लोग
जगत जीव जलबुदबुदा, नदी नाव सँजोग।।सोग. ।।
आदि अन्तको संग नहिं, यह मिलन वियोग ।
कई बार सबसों भयो, सम्बन्ध मनोग ।।सोग. ।।१ ।।
कोट वरष लौं रोइये, न मिलै वह जोग ।
देखैं जानैं सब सुनैं, यह तन जमभोग ।।सोग. ।।२ ।।
हरिहर ब्रह्मासे खये, तू किनमें टोग ।
`द्यानत' भज भगवन्त जो, विनसै यह रोग ।।सोग. ।।३ ।।