Search results
- ...रिवंश पुराण की रचना प्रारंभ की थी। तदनुसार इनका समय-श.सं.705 (वि.840) ई.750-783।</p> ...ext"> (1) राम का सिंहरथवाही सामंत । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_58#11|पद्मपुराण - 58.11]] </span></p> ...2 KB (57 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...ass="HindiText"><strong> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_#20.18|पद्मपुराण - 20.18-24]]</strong> </p></td> ...0" rowspan="2" valign="top"><p class="HindiText"><strong>हरिवंशपुराण/60/150-155 </strong> </p></td> ...31 KB (3,308 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...><p class="HindiText"><strong>1. <span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/4/579-582 </span></strong> <br /> <strong>2. <span class="GRef"> त्रिलोकसार/805-806 </span></strong> <br /> ...28 KB (3,087 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...्रुत को आगम निबद्ध कर दिया। <span class="GRef">(महापुराण सर्ग संख्या 74/369-372)</span>। कार्तिक कृष्ण 15 को आपको <p><span class="GRef">( महापुराण सर्ग संख्या 66/515-516)</span>।</p> ...4 KB (77 words) - 14:40, 27 November 2023
- <td width="66" valign="top"><p class="HindiText"><strong>4. चिह्न</strong> < ...यपण्णत्ति/4/512-514 <br /> 2. पद्मपुराण/20/8-10 <br />3. हरिवंशपुराण/60/138-141 </strong> </p></td> ...32 KB (3,832 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...3. <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_#20.244|पद्मपुराण - 20.244-245]] </span></p> 4. <span class="GRef"> हरिवंशपुराण/60/291-292 </span></p> ...20 KB (1,734 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...olspan="3" valign="top"><p class="HindiText"><strong>1. तिलोयपण्णत्ति/4/526-549 </strong> <br /> <strong>2. हरिवंशपुराण 169-180 </strong></p></td> ...27 KB (3,321 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...1. <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_#20.229|पद्मपुराण - 20.229-235]] </span></strong></p> ...1. <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_#20.236|पद्मपुराण - 20.236-237]] </span></strong></p> ...32 KB (2,657 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...HindiText"><strong>1. तिलोयपण्णत्ति/4/1185-1208 <br />2. हरिवंशपुराण/60/266-275 <br />3. महापुराण/ पूर्ववत्</strong></p ...HindiText"><strong>1. तिलोयपण्णत्ति/4/1185-1208 <br />2. हरिवंशपुराण/60/207-208 <br />3. महापुराण/ पूर्ववत्</strong> </p ...29 KB (3,566 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...td width="52" valign="top"><p class="HindiText"><strong>तिलोयपण्णत्ति/4/644-667 </strong> </p></td> ...lass="HindiText"><strong>[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_#20.36|पद्मपुराण - 20.36-60]] </strong> </p></td> ...32 KB (3,582 words) - 22:21, 17 November 2023
- <strong>4. <span class="GRef"> हरिवंशपुराण/60/288-289 </span></strong></p> ...1. <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_#20.206|पद्मपुराण - 20.206-217]] </span></strong></p> ...43 KB (3,355 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...के पश्चात् स्वर्ग में देव होकर (65/33) नरक में जाकर कृष्ण को संबोधा (65/42-54) - विशेष देखें [[ शलाका पुरुष#3 ...<span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_66#24|हरिवंशपुराण - 66.24-26]] </span></p> ...7 KB (114 words) - 15:15, 27 November 2023
- ...><p class="HindiText"><strong>1. <span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/4/553-577 </span></strong> <br /> <strong>2. <span class="GRef"> त्रिलोकसार/807-881 </span></strong> </p></td> ...18 KB (1,829 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...े क्रुद्ध होकर इन पर चक्र चला दिया, परंतु उसका इन पर कुछ प्रभाव न हुआ (36/66) इससे विरक्त हो इन्होंने दीक ...अहमिंद्र और तत्पश्चात् बाहुबली हुए थे । <span class="GRef"> महापुराण 47.365-366 </span></p> ...7 KB (89 words) - 15:15, 27 November 2023
- ...11 KB (111 words) - 13:39, 10 August 2023
- | Tirthankar-Number = 2 | Tirthankar-Name = अजितनाथ ...11 KB (143 words) - 14:39, 27 November 2023
- ...ेकर दीक्षा धारण की। तथा तत्क्षण मनःपर्यय व केवलज्ञान प्राप्त किया। (46/393-395) (विशेष देखें [[ लिंग#3.5 | लिंग - 3 ...19 KB (152 words) - 15:15, 27 November 2023
- <span class="GRef">अनगार धर्मामृत अधिकार 1/46/66 पर उद्धृत</span><span class="SanskritText"> “अहमि <span class="GRef">त्रिलोकसार गाथा 223-224</span><p class=" PrakritText ">..दिगिंदा..।..॥223॥.. ...16 KB (316 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...9/115-20)। घोर तप किया (60/7)। अंत में गिरनार पर्वत से मोक्ष सिधारे (65/16-17)। </li> ...12 KB (189 words) - 15:10, 27 November 2023
- ...ापूर्वक शरीर छोड़ (5/248-250)। ईशान स्वर्ग में ललितांग नामक देव हुए।(5/253-254)। यह ऋषभदेव का पूर्व भव नं. 9 ...लवाहन मुनि से दीक्षा ले 11 अंग का पाठी हो तीर्थंकर प्रकृति का बंध किया।(10-12)। समाधिमरणपूर्वक विजय नामक ...18 KB (354 words) - 15:20, 27 November 2023
- <strong>1.<span class="GRef"> ति.प/4/515-516</span></strong></p> ...>3.<span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_#20.124|पद्मपुराण - 20.124-193]] </span></strong></p> ...132 KB (11,542 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...वर्ष पर्यंत तपकर समाधिमरण किया। तथा सोलहवें स्वर्ग में देवेंद्र हुई (109/17-18)।</li> ...राण - 5.123]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#134|हरिवंशपुराण - 5.134]], 156-158, 160, 191, 205, 208, 273 </span></p> ...21 KB (237 words) - 15:30, 27 November 2023
- <li class="HindiText"> [[#3.7 | सभी सम्यक्त्व में तथा 4-8 गुणस्थानों में बँधने का निय <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_43#78|हरिवंशपुराण - 43.78]] </span><span class="Sans ...357 KB (33,626 words) - 20:09, 15 February 2024
- ...करना है सो सुनिए क्योंकि आप-जैसे महापुरुषों की संगति दुःखक्षय का कारण है ॥3-4॥<span id="5" /> विराधित आधी बात ही कह ...36 KB (304 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...्त कर यह आदेश दिया कि यहाँ जो कोई प्रवेश करेगा वह मेरे द्वारा वध्य होगा ॥24-25॥<span id="26" /></p> ...दिया । मैं धन्य हूँ जिससे पुरुषों में उत्तम आप महानुभावों के दर्शन किये ॥82-83 ।।<span id="84" /> हे नाथ ! आज्ञा दीजिए ...39 KB (404 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...रहा था । इस प्रकार स्पर्धा से भरे हुए इन सब योद्धाओं का विकट युद्ध हुआ ।। 8-9॥<span id="10" /> तदनंतर क्लेश से भरे ह ...्ध का विचार किया त्यों ही उसके पास बैठा महोदर क्रोधपूर्वक उठ खड़ा हुआ ।। 45-46 ।।<span id="47" /> इधर जब तक महोदर और ह ...52 KB (691 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...ह सामंत अपनी बुद्धि के बल से समस्त लोक को गोष्पद के समान तुच्छ देखता था ॥15-16 ।।<span id="17" /> जब वह जाने लगा तब ना ...36 KB (243 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...ने योग्य नहीं हैं । यह क्षत्रियों का धर्म जगत् में सर्वत्र सुशोभित है ।। 11-12॥<span id="13" /> तब एवमस्तु कहकर स्वा ...50 KB (286 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...ाध्याय और साधु समस्त पंच परमेष्ठी सब जगह तथा सब काल में मंगलस्वरूप हों ॥ 27-28॥<span id="29" /></p> ...के जानकार और चार आचारांग के ज्ञाता इस तरह पाँच प्रकार के मुनि हुए हैं ॥ 58-59 ॥<span id="60" /> </p> ...53 KB (364 words) - 10:58, 18 September 2023
- ...82 KB (610 words) - 13:39, 10 August 2023
- ...प्रकार पूर्वोक्त पाँच कारणों से प्राणियों के गाढ़ प्रेम उत्पन्न होता है ॥ 8-6 ॥<span id="10" /><strong> </strong></p> ...हाथ जोड़कर शिर से प्रणाम किया तथा हर्षित हो धर्म का यथार्थ स्वरूप सुना ॥33-34॥<span id="35" /> मुनिराज से धर्म श्रव ...64 KB (449 words) - 13:39, 10 August 2023
- <h1 style="text-align: center;"><span style="text-decoration: underline;">अनुक्रमणिका</span></h1> <h3 style="padding-left: 30px;">[[ #1.1 | 1.1 इतिहास का लक्षण।]]</h ...645 KB (29,383 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...रित्रसार पृष्ठ 178/1)</span> <span class="GRef">(अनगार धर्मामृत अधिकार 6/58-59/609)</span>।</p> ...161 KB (2,719 words) - 17:15, 18 February 2024
- ...ित्रसार पृष्ठ 178/1</span>) ( <span class="GRef">अनगार धर्मामृत अधिकार 6/58-59/609</span>)।</p> ...164 KB (2,892 words) - 04:11, 17 February 2023