वर्णीजी-प्रवचन:मोक्षशास्त्र - सूत्र 4-40
From जैनकोष
ज्योतिष्काणां च ।। 4-40 ।।
ज्योतिष्क देवों की उत्कृष्ट स्थिति―ज्योतिष्क देवों की भी उत्कृष्ट स्थिति कुछ अधिक एक पल्य प्रमाण है । इस सूत्र में पूर्व सूत्र में कहे गये समस्त पदों की अनुवृत्ति आती है, जिससे यह अर्थ बना कि ज्योतिषी देवों की उत्कृष्ट-स्थिति कुछ अधिक एक पल्य प्रमाण है । अब इन ज्योतिषियों की जघन्य स्थिति कितनी है? यह कहने के लिए सूत्र कहते हैं ।